नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया। एलआईसी और सरकारी बैंकों में आम लोगों का धन डूबने के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही ठप रही। वहीं, रिजर्व बैंक ने बैंकों से अडानी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा है।
दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी पार्टियों के सदस्य आसन के करीब आ गए और नारेबाजी करने लगे।
लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक मानिकराव टैगोर और सांसद मनीष तिवारी ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर अडानी ग्रुप से जुड़े मुद्दे के साथ चीन सीमा घटनाक्रम को लेकर चर्चा की मांग की। टैगोर ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। इसी तरह राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दिया। विपक्ष की कई दूसरी पार्टियों ने भी सदन में नोटिस देकर फौरन चर्चा की मांग की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से अडानी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा है। बुधवार को अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को रद्द कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में जांच हो कांग्रेस
कांग्रेस ने अडानी मामले की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की है। पार्टी का कहना है कि रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। साथ ही पार्टी ने प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति का गठन करने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार ने बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया था, उसकी हवा निकल गई। यह महज सरकार और अडानी का मामला नहीं, इसमें देशवासियों के खून पसीने की कमाई जुड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा-केंद्रीय बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्यों की हुई उपेक्षा
पटना-सहरसा, हिटी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि केंद्रीय बजट में आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में भारी कटौती की गई है। मनरेगा और किसान सम्मान निधि योजना की राशि घटा दी गई है, यह ठीक नहीं है। केंद्र सरकार के द्वारा लोगों के हित में कोई काम नहीं हो रहा है। बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। हमलोगों की मांग को भी नहीं माना गया है। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में जो मांगें रखी थीं, उसे पूरा नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को सहरसा जिले में समाधान यात्रा में विभिन्न विकास योजनाओं का जायजा लेने के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनरेगा काफी पुरानी योजना है। यह योजना विकास के लिए काफी जरूरी है। मनरेगा के लिए 2022-23 में जो 73,000 करोड़ रुपये का प्रावधान था, अब उसे घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए 2022-23 में 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जिसे घटाकर 2023-24 में 60,000 करोड़ रूपये कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की भी राशि 2,167 करोड़ रुपये कम कर दी गई है। इसी तरह से कई योजनाओं की राशि घटा दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 600 करोड़ रुपये घटा दिये गये हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कम राशि का आवंटन किया गया है। सीएम ने कहा कि बिहार की सात निश्चय योजना की तरह ही इन लोगों ने सप्तऋषि योजना शुरू करने की बात की है। हमलोग बिहार में सात निश्चय योजना काफी पहले से चला रहे हैं। अब बिहार में सात निश्चय-2 चलाई जा रही है। सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग 4.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटा चाह रहे थे। उसको भी इनलोगों ने नहीं बढ़ाया है। इसे तीन प्रतिशत पर ही रहने दिया गया है। ऐसा होता तो हमलोग अपने राज्य के हित में बाहर से भी कर्ज ले सकते थे।
अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनाये केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की योजना में एक हिस्सा केंद्र सरकार का जबकि दूसरा हिस्सा राज्य सरकार का होता है। इसके कारण राज्य को अपने हित में काम करने को लेकर पैसे नहीं बचते हैं। राज्य सरकार का पैसा केंद्र सरकार की योजनाओं में खर्च हो जाता है। केंद्रीय योजनाओं में 40 प्रतिशत तक राशि राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है। केंद्र सरकार को अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनानी चाहिए। केंद्रीय योजना में नाम केंद्र का होता है जबकि पैसा राज्य सरकार का भी खर्च होता है। जब केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार अपना पैसा खर्च करती है तो राज्यों को केंद्रीय मदद मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से राज्यों को मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा केंद्रीय योजनाओं में ही खर्च हो जाता है।
इन प्रमुख योजनाओं में घटी राशि
योजना राशि घटाई
मनरेगा 13,000 करोड़
किसान सम्मान 8000 करोड़
पीएम सिंचाई योजना 2,167 करोड़
शिक्षा मिशन 600 करोड़
● बिहार की किसी मांग को नहीं माना गया
● सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं
(वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 की तुलना)
मोदी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाने पर मुझे दुख हुआ था
केंद्रीय बजट में बिहार को बहुत कुछ मिलने के भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को कहां कुछ मिला है। उनके नाम पर हमसे क्यों पूछते हैं, वो तो ऐसे ही बोलते रहेंगे। कुछ से कुछ बोलते रहना ही उनकी ड्यूटी है। जितना अनाप-शनाप बोलना हैं बोलते रहिए। पिछली बार उनको उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था तो मुझे दुख हुआ था। उनके बोलने का कोई अर्थ नहीं है।
बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा से पहले क्वेश्चन पेपर लीक होने की सूचना है। आज पहले दिन मैथ्स की परीक्षा होनी है, लेकिन एग्जाम शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र वॉट्सऐप ग्रुप में वायरल हो रहा है। आज से शुरू हो रही इंटर परीक्षा में इस साल 13 लाख से भी अधिक छात्र-छात्राएं बैठ रहे।
एग्जाम शुरू होने से आधे घंटे पहले जमुई और नालंदा में प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना है। कई वॉट्सऐप ग्रुप में करीब 9 बजे गणित के प्रश्नपत्र वायरल हुए। जबकि परीक्षा शुरू होने का समय 9:30 है। अब ऐसे में एग्जाम खत्म होने के बाद ही गलत या सही का पता चलेगा।
इधर नालंदा के जिला शिक्षा अधिकारी केशव प्रसाद ने बताया कि जिले से ऐसी कोई सूचना नहीं है। वायरल हो रहे प्रश्न पत्र के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि किसी सेंटर पर अभी प्रश्नपत्र को नहीं खोला गया। जो भी लोग प्रश्नपत्र को वायरल कर रहे हैं। उन्हें अफवाह फैलाने के आरोप में चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
What are your favorite sports to तैयारी • शहर में नौ केन्द्रों पर दोनों पालियों को मिलाकर 16 हजार परीक्षार्थी पहुंचेंगे, जूता पहनने पर रोकwatch and play?
आज से प्रारंभ इंटर की परीक्षा के कारण 20 हजार अतिरिक्त लोग शहर में होंगे जिसमें 16 हजार परीक्षार्थी तो लगभग चार हजार उनके साथ आने वाले अभिभावक होंगे। इतना ही नहीं दूरदराज से परीक्षार्थियों के आने के कारण लगभग 1000 अतिरिक्त वाहन भी शहर में प्रवेश करेंगे। लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा ट्रैफिक प्रबंधन के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है जबकि कचहरी रोड व हरहर महादेव चौक रोड जो दोनों शहर का प्रवेश मार्ग हैं इन दिनों दोनों रास्ता वन वे है। इतना ही नहीं केवल काली स्थान रोड की तरफ 2500 छात्रा व लगभग 6200 परीक्षार्थी यानि अभिभावकों को मिलाकर 10 हजार लोगों का दबाव रहेगा। बता दें कि आम दिनों भी यह सड़क सामान्यतः जाम ही रहता है।
घर से पहले निकलें ताकि समय से केन्द्र पर पहुंच सकें : अगर आप परीक्षार्थी और समय से अपने परीक्षा केन्द्रों पर पहुँचना चाहते हैं तो आप समय से पहले शहर में प्रवेश कर जाएं। क्योंकि अगर देर हुई तो आप जाम में फंस सकते हैं। शहर के अंदर परीक्षा के लिए कुल नौ केन्द्र बनाए गए हैं। जहां दोनों पारियों को मिलाकर कुल 16 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होगें। कचहरी रोड में सीवरेज का काम होने के कारण इन दिनों वन-वे सिस्टम चल रहा है। वहीं कचहरी रोड में जाम का असर मीरा नर्सिंग होम के रास्ते पर भी पड़ता है। जीडी कॉलेज में 3425 छात्रा, एसबीएसएस कॉलेज में 1220 छात्र, श्रीकृष्ण महिला महाविद्यालय में 1342 छात्रा, बीपी प्लस टू विद्यालय में 2111 छात्र, एमआरजेडी कॉलेज में 4054 छात्र, ओमर हाई स्कूल में 1039 छात्रा, जेके हाई स्कूल में 825 छात्र, ज्ञान भारती में 665 छात्र, जबकि कॉलेजिएट में 1325 छात्र परीक्षा में शामिल होगें।
ज्ञात हो कि वर्ष 2022 में 36 केन्द्रों पर कुल 39 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। जबकि 2021 के फरवरी माह में आयोजित इंटरमीडिएट की परीक्षा में 42573 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। यानि पिछले दो वर्ष से इंटर में परीक्षार्थी की संख्या लगातार कम हुई है। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में एक हजार जबकि वर्ष 2021 की तुलना में चार हजार परीक्षार्थी कम हो गए।
बखरी पीएचसी सरकार के डॉक्टर व कर्मी अपने कर्तव्य के प्रति आज भी लापरवाह हैं। इस बात का खुलासा सिविल सर्जन बेगूसराय द्वारा मंगलवार को बखरी पीएचसी के औचक निरीक्षण से हुआ। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार सिंह के औचक निरीक्षण में अन्य डॉक्टरों और कर्मियों की बात तो दूर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीपक कुमार सिंह खुद ड्यूटी से गायब मिले। सीएस श्री सिंह ने बताया कि निरीक्षण में प्रभारी दीपक सिंह समेत तीन डॉक्टर, दो कर्मी और कुछ एएनएम भी अनुपस्थित पाए गए हैं। सीएस ने कहा कि अनुपस्थित पाए गए सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों से कारण पृच्छा मांगा गया है। उनका जवाब आने तक सभी के वेतन
भुगतान पर रोक रहेगी। संतोषजनक जवाब नहीं आने पर विधि सम्मत विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। सीएस श्री सिंह ने बताया कि इसके अलावा ओपीडी, प्रसव कक्ष आदि का कार्य संतोषजनक पाया गया। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष हुए पीएचसी कांड में उपद्रवियों द्वारा जलाई गई गाड़ियों एवं अस्पताल कैम्पस में यत्र-तत्र फैले कचरों को वहां से हटाने का भी निर्देश दिया गया है।”