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आज 1 फरवरी है। देश के बजट का दिन, लेकिन इसकी खबर का कोई इंट्रो नहीं है। भास्कर के कार्टूनिस्ट मंसूर का बनाया ये कार्टून ही इसका इंट्रो है….
अब खबर… वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में अपना पांचवां और देश का 75वां बजट पढ़ेंगीं । सीतारमण बुधवार सुबह 8:30 बजे वित्त मंत्रालय पहुंचीं। इसके बाद राष्ट्रपति भवन गईं। द्रौपदी मुर्मु से बजट का अप्रूवल लिया। अब इस पर कैबिनेट फाइनल मुहर लगाएगी।
वित्त राज्य मंत्री भागवत कृष्णा सुबह-सुबह पूजा-पाठ के बाद पॉजिटिव संकेत दे चुके हैं। कहा- बजट सबकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। शेयर मार्केट खुला तो सेंसेक्स में 400 अंक की तेजी दिखी, उम्मीदें यहां भी दिखीं।
वैसे भी निर्मला सीतारमण पिछले 4 बजट में कुछ न कुछ नया करती आई हैं। चाहे वो ब्रीफकेस से बही-खाता हो, पेपर लेस बजट हो या फिर सबसे लंबा बजट भाषण । इस बार का पता नहीं। कुछ खास हो सकता है। वजह तीन हैं….
1. इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।
2. अगले साल लोकसभा चुनाव है, तो उससे पहले ये आखिरी फुल बजट है।
3. सरकार के पास देश को बताने और जताने का बड़ा इंस्ट्रूमेंट होता है बजट।
अब ये बातें कुछ रवायती हैं, फिर भी पढ़ते चलते हैं उम्मीदों वाली बात….
1. इनकम टैक्स: 8 साल हुए, तब से कुछ नहीं बदला। तो इस बार टैक्स में छूट का दायरा बढ़ सकता है। बात आखिर 8 करोड़ से ज्यादा टैक्स पेयर्स की है।
2014 में छूट की सीमा ढाई लाख की गई थी। इसे 5 लाख किया जा सकता है। छूट बढ़ी तो लोअर इनकम क्लास को राहत मिलेगी। बाजार में भी चंद पैसे आएंगे। इकोनॉमी को सपोर्ट मिल सकता है।
2. महंगाई: गैस सिलेंडर 1100 रुपए का हो चुका है। कुछ जाने-माने लोग कह रहे हैं कि इनकी कीमतें कम करने का इंतजाम हो सकता है। उज्ज्वला योजना 9.58 करोड़ लोगों के पास है। इन्हें एक सिलेंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी पिछले साल मई से दी जा रही है। इसे एक साल और बढ़ाया जा सकता है।
3. रोजगार और एजुकेशन लोन: बेरोजगारी पर कुछ बड़ा कहा जा सकता है। छोटे और मझोले उद्योगों के लिए ऐलान किए जा सकते हैं। मनरेगा को मिलने वाला पैसा भी इस साल बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट बढ़ाने से भी रोजगार पैदा होंगे।
आत्म निर्भर भारत योजना (ABRY) के तहत 50.85 लाख नौकरियां पिछले साल दी जानी थी। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, टारगेट से 28% ज्यादा यानी 70 लाख नौकरियां दी गईं। इस पर फोकस बढ़ा तो इस साल नतीजे बेहतर हो सकते हैं। एजुकेशन लोन के सस्ते होने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है।
4. स्मार्ट फोन: मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले आइटम्स पर इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी घटी तो अप्रैल के बाद मोबाइल खरीदना सस्ता हो सकता है। मार्केट की भी यही डिमांड है।
मार्केट तो यह भी मांग कर रहा है कि मोबाइल पर GST
18% से घटाकर 12% कर दी जाए, क्योंकि जब इसे 18% किया गया था तो 10 हजार वाले मोबाइल की कीमत 11 हजार 800 तक पहुंच गई थी। सरकार भी डिमांड मान सकती है।
