राहुल गांधी के वार पर संसद में तकरार

अडानी मामले में विपक्ष के सवालों पर सत्ता पक्ष ने दी चुनौती

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंगलवार को लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी तकरार हुई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार के उद्योगपति गौतम अडानी से रिश्तों का आरोप लगाते हुए कई सवाल दागे। इससे भड़के कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा सांसदों ने पलटवार करते हुए राहुल को आरोपों को तथ्यहीन बताया और प्रमाण उपलब्ध कराने की चुनौती दी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, वर्ष 2014 में गौतम अडानी विश्व के अमीर लोगों की सूची में 609 नंबर पर थे। लेकिन बीते आठ वर्षों में क्या जादू हुआ कि वह दूसरे नंबर पर आ गए। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक लोगों ने महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे उठाए। लेकिन राष्ट्रपति के अभिभाषण में इनका जिक्र नहीं था।

राहुल ने बताया कि यात्रा के दौरान लोगों ने सवाल किए कि अडानी हर व्यवसाय में सफल कैसे होते हैं, वह कभी नाकाम क्यों नहीं होते, वर्ष 2014 से 2022 के बीच अडानी की कुल संपत्ति आठ बिलियन डॉलर से 140 बिलियन डॉलर कैसे पहुंच गई और सरकार के साथ उनका क्या रिश्ता है।

नियम बदलने का आरोप राहुल गांधी ने हवाई अड्डों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि अडानी के लिए एयरपोर्ट के नियमों में बदलाव किए गए। इस पर सत्तापक्ष ने विरोध जताते हुए कहा कि वे सबूत दें। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने ऐतराज जताते हुए कहा कि राहुल गांधी को आरोप लगाने से पहले सदन में इससे जुड़े दस्तावेज रखने चाहिए।

अग्निवीर योजना का अभिभाषण में जिक्र नहीं अग्निवीर योजना को लेकर उन्होंने कहा, यात्रा के दौरान सेना के कई अधिकारियों ने बताया कि यह योजना सेना पर थोपी गई है। हम हजारों लोगों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। कल यह लोग वापस समाज में आएंगे। बेरोजगारी चरम पर है, ऐसे में यह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका सिर्फ एक बार जिक्र हुआ है।

लोकसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया राहुल गांधी के भाषण के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हस्तक्षेप किया। दरअसल, मोदी सरकार और अडानी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने एक पुरानी तस्वीर दिखाने की कोशिश की। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि यह अनुचित है। लोकसभा अध्यक्ष ने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये भी राजस्थान से पोस्टर लाए हैं। इसलिए, ऐसा नहीं किया जाए। इस बीच, द्रमुक सांसद कनिमोई ने आरोप लगाया कि सरकार ने असहमति, बहस और चर्चा की गुंजाइश खत्म कर दी है। इस मुद्दे पर जेपीसी बनाने की मांग को लेकर कई दलों ने बर्हिगमन किया।

सात देश दहले , तुर्की-सीरिया में भारी तबाही

अंकारा, एजेंसी। तुर्किये (तुर्की) और सीरिया में सोमवार को एक के बाद एक आए कई जलजलों ने भारी तबाही मचाई। रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 1500 से अधिक लोगों की मौत हो गई। पलक झपकते ही इमारतें जमींदोज हो गईं जिसमें हजारों लोगों के घायल होने की आशंका है। भूकंप के झटके लेबनान, साइप्रस, इजरायल, इराक, डेनमार्क, ग्रीनलैंड और फलस्तीन में भी महसूस हुए। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

20 झटके आए तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास सुबह करीब चार बजे भूकंप का शक्तिशाली झटका महसूस किया गया। इसके बाद करीब 20 झटके (ऑफ्टर शॉक) और महसूस किए गए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली झटका 6.6 की तीव्रता का था। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। यह आपदा ऐसे समय आई है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है।

तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्वीट कर कहा, भूकंप में कम से कम एक हजार लोग मारे गए। तलाश एवं बचाव दलों को तुरंत प्रभावित क्षेत्र रवाना कर दिया है। तुर्किये के उपराष्ट्रपति फुअत ओकता ने बताया कि गजियांतेप और कहरामनमारस इलाके में करीब 900 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। एक अस्पताल भी ढह गया। इससे पहले, उत्तर-पश्चिम तुर्किये में वर्ष 1999 में आए भूकंप में करीब 18 हजार लोग मारे गए थे।

उधर, सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि भूकंप से सीरिया सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में 370 लोगों की मौत हुई है, जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में भी दो सौ लोगों के मारे जाने की खबर है। इस आपदा ने उत्तर-पश्चिम सीरिया के कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने नया संकट खड़ा कर दिया, जो पहले ही रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है। यह क्षेत्र भोजन से लेकर चिकित्सकीय आपूर्ति तक हर चीज के लिए तुर्किये पर निर्भर है।

सट्टेबाजी-कर्ज वाले 232 ऐेप बंद

भारत सरकार की चीनी ऐप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली, एजेंसी । केंद्र सरकार ने चीनी कनेक्शन सामने आने के बाद 232 मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें 138 ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले और 94 अनधिकृत रूप से ऋण देने वाले ऐप शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले हफ्ते गृह मंत्रालय से इन ऐप को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की थी। इसके बाद मंत्रालय ने यह फैसला लिया है।

संप्रभुता को नुकसान गृह मंत्रालय के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मिले इनपुट के बाद इन ऐप की जांच शुरू की गई। पता चला है कि इन ऐप पर भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले कंटेट मौजूद हैं। यह आईटी एक्ट की धारा-69 के तहत अपराध है।

लाखों जीतने का लालच देते हैं जांच में पता चला है कि ये ऐप लोगों को लोन लेने और सट्टा खेलकर लाखों जीतने का लालच देते हैं। बाद में कर्ज न चुका पाने पर उन्हें भद्दे मैसेज भेजते हैं। उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर वायरल करने की धमकी देते हैं। इससे परेशान होकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के कुछ लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने भी गृह मंत्रालय से ऐप पर कार्रवाई करने को कहा था।

पहले लोन बाद में प्रताड़ना मंत्रालय ने बताया कि कुछ लोगों ने इन ऐप के खिलाफ जबरन वसूली और उत्पीड़न की शिकायतें भी की थीं। शिकायत करने वालों ने इन ऐप से छोटी रकम लोन ली थी, बाद में उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा।

आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को बनाते हैं निशाना जांच में मिली जानकारी के मुताबिक इन ऐप के जरिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को लोन लेने का लालच दिया जाता है। बाद में ये ऐप कर्जदारों पर सालाना 3000 तक ब्याज बढ़ा देते थे।

ऐप धन शोधन, सट्टेबाजी और जुए से जुड़े थे

गृह मंत्रालय को छह महीने पहले मिली थी जानकारी

गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले लोन देने वाले 28 चीनी ऐप का विश्लेषण शुरू किया। जिसमें पता चला कि 94 ऐप ई-स्टोर्स पर उपलब्ध हैं। कई ऐप थर्ड पार्टी लिंक के जरिए काम कर रहे हैं। इन ऐप में चीनी कनेक्शन सामने आने के बाद इन पर प्रतिबंध की प्रक्रिया शुरू हुई।

अडानी के एफपीओ वापस लेने से देश पर असर नहीं

दलील सीतारमण बोलीं, भारत और उसकी ताकत पर दुनिया को भरोसा

मुंबई, एजेंसी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अडानी समूह के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम) वापस लेने से देश की अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है।

वित्त मंत्री ने बजट के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो दिनों में ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा आई है। हमारा व्यापक आर्थिक बुनियादी आधार या हमारी अर्थव्यवस्था की छवि इनमें से कोई भी प्रभावित नहीं हुई है। हां, एफपीओ (अनुवर्ती-सार्वजनिक निर्गम) आते रहते हैं और एफआईआई बाहर निकलते रहते हैं। हर बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई वृद्धि इस तथ्य को साबित करती है कि भारत और उसकी ताकत को लेकर भरोसा बरकरार है।

सेबी प्राधिकरण के पास साधन अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बाजारों को सही स्थिति में विनियमित करने के लिए सेबी अधिकृत है। उसके पास सही स्थिति को बनाए रखने के सभी प्रकार के साधन हैं।

बैंक क्षेत्र मजबूत और स्थिर वित्त मंत्री ने अपने शुक्रवार के बयान का हवाला देते हुए कहा कि आरबीआई पहले ही बता चुका है कि बैंक क्षेत्र मजबूत और स्थिर है। इस मौके पर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन भी अपनी उस टिप्पणी पर कायम रहे, जिसमें उन्होंने अडाणी प्रकरण को चाय के प्याले में उठा तूफान बताया था। अमेरिकी शॉर्ट सेलर और वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने कुछ दिन पहले अडानी समूह के खिलाफ कंपनी संचालन के मोर्चे पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए थे।

हालांकि, अहमदाबाद स्थित अडानी समूह ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए इसे भारत पर सुनियोजित हमला करार दिया। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में गिरावट के कारण इसके एफपीओ को पूरा अभिदान मिलने के बावजूद रद्द कर दिया गया।

अडानी समूह के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ वापस लेने में मामले में नियामक अपना काम करेंगे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने के साधन हैं।

-निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारण शनिवार को मुंबई में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करती हुईं।

आम बजट देश की आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि आम बजट में मुख्य ध्यान देश की आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित किया गया है। सरकार लोकलुभावन घोषणाओं पर विश्वास नहीं करती है। सीतारमण ने गत एक फरवरी को पेश किए बजट पर शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जो प्रस्ताव किए गए हैं, उससे राजकोषीय मजबूती मिलेगी। इस बार के बजट में कई प्रावधान किए हैं, ताकि देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि जारी रहे।

पुरानी कर व्यवस्था खत्म करने की समयसीमा नहीं
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था को खत्म करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने केवल एक नई कर व्यवस्था पेश की है, जो सरल है और जिसमें दरें कम हैं।

लोग तय करें कि उन्हें अपने धन का क्या करना है मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि नागरिकों को यह तय करने के लिए विकल्प दिए जा रहे हैं कि वे अपने धन का क्या करना चाहते हैं।

विधायक के घर चोरी हुई… तो बिहार पुलिस की फुर्ती देखिए: 24 घंटे में ढूंढ निकाले सुधाकर सिंह के जूते, नल और बल्ब; 2 आरोपी भी पकड़े

कौन कहता है कि बिहार पुलिस किसी से कम है। बिहार की पुलिस किसी से कम नहीं है। बात माननीयों की हो तो पुलिस का एक्शन देखिए। पूर्व मंत्री और विधायक सुधाकर सिंह के घर गुरुवार को चोरी हुई। चोर सुधाकर सिंह के जूते, नल और बल्ब ले गए। 24 घंटे के अंदर पुलिस ने सुधाकर सिंह के जूते, नल और बल्ब तो बरामद किए। 2 आरोपियों को भी पकड़ लिया।

बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री और विधायक सुधाकर सिंह के घर पर बुधवार रात को चोरों ने चोरी कर ली थी।इसके बाद उन्होंने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आई और आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी हुए नल और बल्ब को बरामद कर लिया।

पुलिस ने चोरों को बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। थानेदार सुजीत कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की गई है। इसमें गिरफ्तार चोर प्रिंस मिश्रा मूल रूप से सीतामढ़ी थाना क्षेत्र के मकसुनपुर का रहने वाला है। रिंग

प्रिंस कुमार अभी बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के उत्तरी मंदिर स्थित काठपुल में रहता है। प्रिंस ने सारा चोरी किया हुआ सामान एलसीटी घाट गेट संख्या 51 के समीप बर्तन दुकानदार धीरज को बेचा था। इस मामले में पुलिस ने धीरज को भी गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल इस संबंध में आगे पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।