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विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव मोदी

मोटे अनाज का वर्ष मनाए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अब घर-घर में पहुंच रहा है। यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है। इसका सर्वाधिक लाभ देश के छोटे किसानों को मिलेगा। इसकी एक नई पहचान स्थापित करना जरूरी था, इसलिए अब इस सुपर-फूड को ‘श्री-अन्न’ की नई पहचान दी गई है। इसके प्रोत्साहन के लिए भी अनेक योजनाएं बनाई गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी भारत आज सड़क, रेल, मेट्रो, बंदरगाह, जलमार्ग समेत हर क्षेत्र में आधुनिक बुनियादी ढांचा चाहता है। 2014 की तुलना में अवसंरचना में निवेश पर 400 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि की गई है। बुनियादी ढांचा विकास पर पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ किया गया है, जिससे विकास को नई ऊर्जा और गति मिलेगी। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की धुरी बनाएगा। सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना तैयार की है। बजट में नए प्राथमिक सहकारिता बनाने की योजना का भी ऐलान हुआ है। इससे खेती के साथ-साथ दूध और मछली उत्पादन के क्षेत्र का विस्तार होगा और किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिलेगी।

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत काल के दौरान पेश किए गए आम बजट को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव रखेगा। इससे वंचितों को वरियता मिलेगी और किसानों व मध्यम वर्ग के सपने भी काफी हद तक साकार हो पाएंगे।

संसद के दोनों सदनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह बजट वंचितों को वरीयता देता है। यह सर्वस्पर्शी और विकसित भारत के निर्माण को गति देने वाला है। बजट में समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने बजट में पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (पीएम-विकास) का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ऐसे मेहनत और सृजन करने वालों के लिए पहली बार योजना लेकर आई है। इससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। ,

पहली बार इस वर्ग के उत्थान से जुड़ी योजनाएं बजट में शामिल की गई हैं। उनके प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी, ऋण और बाजार समर्थन के लिए तैयारियां की गई हैं। प्रधानमंत्री ने डिजिटल लेन-देन सफलता का उल्लेख करते हुए इसे कृषि क्षेत्र में दोहराए जाने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि इस बजट में डिजिटल एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक बड़ी योजना लाई गई है। व्यवसाय की सुगमता के साथ-साथ उद्योगों के लिए क्रेडिट सपोर्ट और सुधार के अभियान को भी आगे बढ़ाया गया है।

मध्यम वर्ग को बड़ी राहत

मोदी ने कहा कि समृद्ध और विकसित भारत के सपनों को पूरा करने के लिए मध्यम वर्ग एक बड़ी ताकत है। समाज के इस वर्ग को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने बीते वर्षों में कई अहम निर्णय किए हैं। इस बार भी बजट में मध्यम वर्ग को कर में बड़ी राहत दी गई है। साथ ही कर प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बनेगी सहकारिता

मोदी ने कहा कि ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए भी बजट में कई बड़े कदम उठाए गए हैं। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना शुरू की जाएगी। महिला स्वयं सहायता समूहों के सर्वांगीण विकास के लिए बजट में की गई पहल उन्हें एक नया आयाम देगी।

अमृतकाल में लंबी छलांग का संकल्प

●वित्त मंत्री ने आम बजट को सात प्राथमिकताओं में बांटकर उन्हें सप्तऋषि बताया ●कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को प्रोत्साहन के साथ बजट में हरित विकास पर जोर ●सबसे अधिक आवंटन रक्षा क्षेत्र के लिए और सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रेलवे बजट में
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लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया सीतारमण ने, यह पिछले वर्ष से 5.58 लाख करोड़ अधिक

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश किया। इसमें अमृतकाल में लंबी छलांग के संकल्प की तस्वीर पेश की गई। चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट में भी सरकार ने लोक लुभावन ऐलान से बचते हुए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को तरजीह दी। सरकार की कोशिश रही कि वह लोगों के हाथ में खर्च करने योग्य ज्यादा रकम दे सके। साथ ही आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए पूंजीगत खर्च बढ़ाया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में पर्यटन से जुड़ी नई योजनाएं और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित ऐलान भी किए। इससे अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलने की संभावना है। चुनावी साल में सरकार ने एक तीर से कई निशाने लगाने की कोशिश की है। बजट घोषणाओं में गरीबों, किसानों, युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, नौकरीपेशा और कारोबारियों समेत सभी वर्ग को कुछ न कुछ राहत दी गई है।

मध्यम वर्ग को बड़ी राहत बजट में मध्यम वर्ग का खास ख्याल रखा गया है। आठ वर्ष बाद आयकर दरों में बदलाव करते हुए कर छूट का दायरा बढ़ाया गया है। वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना का दायरा भी बढ़ा है। महिलाओं के लिए दो लाख रुपये की नई बचत योजना शुरू की गई है।

तकनीकी विकास पर जोर नई 5जी तकनीक में भारत अग्रणी रहे, इसके लिए बजट में मोबाइल ऐप से जुड़ी सौ प्रयोगशालाएं स्थापित करने का ऐलान किया गया है। इसका फायदा पुराने के साथ नए कारोबारियों को भी मिलेगा।

रोजगार सृजन पर खास ध्यान वैश्विक स्तर पर सृजित हो रहे रोजगार में भी भारत की पहुंच बढ़े, इसके लिए बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का दायरा और बढ़ाया गया है। इसके तहत युवाओं और कामगारों को नई पीढ़ी के कौशल से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।

10 लाख करोड़ का पूंजी निवेश बजट में कहा गया है कि पिछले नौ साल में प्रतिव्यक्ति आमदनी दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा, विकास योजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया जाएगा। अगले वित्तवर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।

केंद्र सरकार ने मित्रकाल बजट पेश किया है। इसमें नई नौकरियों के सृजन के लिए कोई योजना नहीं है। महंगाई पर काबू पाने का कोई इंतजाम नहीं है।

-राहुल गांधी, कांग्रेस नेता

अमृतकाल के पहले बजट ने विकसित भारत का संकल्प पूरा करने का आधार दिया है। बजट आकांक्षाओं से भरे समाज, किसानों, मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करेगा।

बजट में 47 लाख युवाओं को भत्ता: 7 लाख तक इनकम टैक्स फ्री;

What’s the thing you’re most scared to do? What would it take to get you to do it?

इनकम टैक्स छूट की सीमा 8 साल बाद बढ़ी:

गरीबों को एक साल और मिलेगा मुफ्त अनाज, युवाओं-रोजगार के लिए अहम ऐलान

नमस्कार,

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का 75वां बजट पेश किया। 8 साल बाद इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाई गई है। अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। वित्त मंत्री ने अपनी स्पीच में 47 लाख युवाओं को 3 साल तक भत्ता देने की बात कही। इसके लिए ‘पैन इंडिया नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम’ शुरू की जाएगी।

बजट की 5 सबसे बड़ी बातें

मिडिल क्लास के लिए: 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।

निचले तबके के लिए: गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त अनाज एक साल और मिलेगा।

युवाओं के लिए: स्टार्टअप फंड, और 3 साल तक भत्ता मिलेगा, इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स बनेंगे।

आदिवासी क्षेत्र के लिए: एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स अपॉइंट किए जाएंगे। आदिवासी गांवों के विकास के लिए 15 हजार करोड़ ।

महंगा-सस्ता: LED टीवी-मोबाइल सस्ते होंगे। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया। ये अब महंगी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में सबसे बड़ी

बात इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की रही। उन्होंने 8 साल बाद स्लैब बदला और 7 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट देने की घोषणा कर दी।

सीतारमण का ये 5वां और देश का 75वां बजट है। उन्होंने इस बार पहले की तुलना में कम समय लिया। इस बार का भाषण महज 1 घंटे 27 मिनट का था ।इस साल 9 राज्यों में और अगले साल देश का चुनाव है। इसका असर बजट भाषण में दिखा। सीतारमण ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना और युद्ध के चलते मंदी की राह पर है, तब भारत की ग्रोथ बाकी देशों के मुकाबले मजबूत है।

बजट के बाद 3 बड़े मुद्दों पर सीतारमण के बयान

महंगाई: आपने देखा कि महंगाई नीचे आई है। हमने कदम उठाए हैं। हमारा ध्यान उस पर है। गेंहू को मार्केट में रिलीज करने का फैसला लिया गया है। इससे गेहूं के दाम कम होंगे। रसोई में महंगाई कम होगी। ये एक्शन तो पहले ही हो गया है। महिलाएं परिवार का हिस्सा हैं, इनकम टैक्स में छूट का फायदा उन्हें भी होगा ।

रोजगार: 10 लाख करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट किया गया है। प्रोजेक्ट्स चल रहे है, पैसा इनके लिए दिया जा रहा है। ये प्रोजेक्ट्स बिना रोजगार के कैसे पूरे हो सकते हैं।

बजट का मकसद: बजट में महिला सशक्तिकरण, पर्यटन के लिए एक्शन प्लान, विश्वकर्मा के लिए योजनाओं और ग्रीन ग्रोथ पर फोकस है।

जानिए बजट में आपके लिए क्या-क्या ऐलान किए गए….

सीतारमण का 5वां बजट, हर बार कुछनया लेकर आईं : वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति से मंजूरी ली, सेंसेक्स खुलते ही 400 पॉइंट की तेजी… 8 बड़ीबातें

What do you complain about the most?

आज 1 फरवरी है। देश के बजट का दिन, लेकिन इसकी खबर का कोई इंट्रो नहीं है। भास्कर के कार्टूनिस्ट मंसूर का बनाया ये कार्टून ही इसका इंट्रो है….

अब खबर… वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में अपना पांचवां और देश का 75वां बजट पढ़ेंगीं । सीतारमण बुधवार सुबह 8:30 बजे वित्त मंत्रालय पहुंचीं। इसके बाद राष्ट्रपति भवन गईं। द्रौपदी मुर्मु से बजट का अप्रूवल लिया। अब इस पर कैबिनेट फाइनल मुहर लगाएगी।

वित्त राज्य मंत्री भागवत कृष्णा सुबह-सुबह पूजा-पाठ के बाद पॉजिटिव संकेत दे चुके हैं। कहा- बजट सबकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। शेयर मार्केट खुला तो सेंसेक्स में 400 अंक की तेजी दिखी, उम्मीदें यहां भी दिखीं।

वैसे भी निर्मला सीतारमण पिछले 4 बजट में कुछ न कुछ नया करती आई हैं। चाहे वो ब्रीफकेस से बही-खाता हो, पेपर लेस बजट हो या फिर सबसे लंबा बजट भाषण । इस बार का पता नहीं। कुछ खास हो सकता है। वजह तीन हैं….

1. इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।

2. अगले साल लोकसभा चुनाव है, तो उससे पहले ये आखिरी फुल बजट है।

3. सरकार के पास देश को बताने और जताने का बड़ा इंस्ट्रूमेंट होता है बजट।

अब ये बातें कुछ रवायती हैं, फिर भी पढ़ते चलते हैं उम्मीदों वाली बात….

1. इनकम टैक्स: 8 साल हुए, तब से कुछ नहीं बदला। तो इस बार टैक्स में छूट का दायरा बढ़ सकता है। बात आखिर 8 करोड़ से ज्यादा टैक्स पेयर्स की है।

2014 में छूट की सीमा ढाई लाख की गई थी। इसे 5 लाख किया जा सकता है। छूट बढ़ी तो लोअर इनकम क्लास को राहत मिलेगी। बाजार में भी चंद पैसे आएंगे। इकोनॉमी को सपोर्ट मिल सकता है।

2. महंगाई: गैस सिलेंडर 1100 रुपए का हो चुका है। कुछ जाने-माने लोग कह रहे हैं कि इनकी कीमतें कम करने का इंतजाम हो सकता है। उज्ज्वला योजना 9.58 करोड़ लोगों के पास है। इन्हें एक सिलेंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी पिछले साल मई से दी जा रही है। इसे एक साल और बढ़ाया जा सकता है।

3. रोजगार और एजुकेशन लोन: बेरोजगारी पर कुछ बड़ा कहा जा सकता है। छोटे और मझोले उद्योगों के लिए ऐलान किए जा सकते हैं। मनरेगा को मिलने वाला पैसा भी इस साल बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट बढ़ाने से भी रोजगार पैदा होंगे।

आत्म निर्भर भारत योजना (ABRY) के तहत 50.85 लाख नौकरियां पिछले साल दी जानी थी। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, टारगेट से 28% ज्यादा यानी 70 लाख नौकरियां दी गईं। इस पर फोकस बढ़ा तो इस साल नतीजे बेहतर हो सकते हैं। एजुकेशन लोन के सस्ते होने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है।

4. स्मार्ट फोन: मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले आइटम्स पर इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी घटी तो अप्रैल के बाद मोबाइल खरीदना सस्ता हो सकता है। मार्केट की भी यही डिमांड है।

मार्केट तो यह भी मांग कर रहा है कि मोबाइल पर GST

18% से घटाकर 12% कर दी जाए, क्योंकि जब इसे 18% किया गया था तो 10 हजार वाले मोबाइल की कीमत 11 हजार 800 तक पहुंच गई थी। सरकार भी डिमांड मान सकती है।


बिहार में महंगाई 15 राज्यों से कम, जीडीपी में भी 15% का बड़ा उछाल

बिहार का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले साल की तुलना में 15.2% बढ़ा है। वहीं, महंगाई दर में मामूली वृद्धि हुई है फिर भी यह देश के 15 राज्यों से कम है। बिहार के गांव में गुजारा करना आसान है पर शहरों में महंगाई ज्यादा है। भोजन, कपड़ा और ईंधन पर खर्च शहरी लोगों की जेब पर बोझ बढ़ा रहा है। इसका खुलासा मंगलवार को जारी देश के आर्थिक सर्वेक्षण से हुआ है। 2022-23 के इस आर्थिक सर्वेक्षण को 2021-22 वित्तीय वर्ष में देश की आर्थिक स्थिति को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है।



प्रति व्यक्ति आयः 13.5% तक बढ़ी

सालाना प्रति व्यक्ति आय 43 हजार 605 रुपये से 49 हजार 470 हो गई है। प्रति व्यक्ति आय ने 2020-21 में 1.4% गिरावट के बाद 2021-22 में 13.5% की उछाल हासिल की है। राज्य की जीडीपी वर्तमान मूल्य पर पांच लाख 33 हजार 583 करोड़ से बढ़कर छह लाख 14 हजार 431 करोड़ की हो गयी है।

बिहार में पिछले तीन महीनों में मंहगाई

दूरसंचार घनत्व:

बिहार का दूरसंचार घनत्व (टेली डेंसिटी) देश में सबसे कम है। यह केवल 55.4 फीसदी है। इसका मतलब में से केवल 554 लोग ही दूरसंचार या इंटरनेट सेवाओं का नियमित उपयोग करते हैं। इससे बड़ी आबादी ऑनलाइन सुविधाओं से वंचित है।


प्रदेश की 28.9% आबादी ही कामकाजी है। यह बिहार का लेबर फोर्स पार्टीसिपेशन रेट है। यानी प्रति एक हजार आबादी में से केवल 289 लोग ही कार्यबल का हिस्सा है कि बिहार के एक हजार हैं। बाकी या तो कम उम्र के हैं या काम करने की उम्र के बावजूद इच्छुक नहीं हैं। बड़ी आबादी को काम की तलाश में निराशा मिल रही है।


जीविका योजना देश में सबसे सफल बिहार की जीविका योजना को देश के सबसे सफल स्व सहायता समूह कार्यक्रमों में से एक बताया गया है। इसे जमीनी अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी बताया है।

सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनांस के एसोसिएट प्रोफेसर सुधांशु कहते हैं कि गांव में खाने की जरूरतों का बड़ा हिस्सा स्थानीय उत्पादों या फिर सरकारी अनाज से पूरा होता है। शहर में भोजन और पेट्रोल-डीजल पर लोगों को बड़े पैमाने पर खर्च करना नोट: आर्थिक सर्वेक्षण में महंगाई के आंकड़े मार्च 2022 तक के ही हैं। दिसंबर, 2022 की महंगाई दिसंबर, 2021 से पड़ता है।



4.91% अधिक हैं। इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से प्राप्त होने वाली महंगाई दर से लिया गया है।

गांव में कम, शहरों प्रति व्यक्ति आय 43, 605 रु. से बढ़कर 49,670 रुपये हुई में ज्यादा, इसी से दिख रही महंगाई में बढ़ोत्तरी