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मुख्यमंत्री ने कहा-केंद्रीय बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्यों की हुई उपेक्षा
पटना-सहरसा, हिटी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि केंद्रीय बजट में आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में भारी कटौती की गई है। मनरेगा और किसान सम्मान निधि योजना की राशि घटा दी गई है, यह ठीक नहीं है। केंद्र सरकार के द्वारा लोगों के हित में कोई काम नहीं हो रहा है। बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। हमलोगों की मांग को भी नहीं माना गया है। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में जो मांगें रखी थीं, उसे पूरा नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को सहरसा जिले में समाधान यात्रा में विभिन्न विकास योजनाओं का जायजा लेने के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनरेगा काफी पुरानी योजना है। यह योजना विकास के लिए काफी जरूरी है। मनरेगा के लिए 2022-23 में जो 73,000 करोड़ रुपये का प्रावधान था, अब उसे घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए 2022-23 में 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जिसे घटाकर 2023-24 में 60,000 करोड़ रूपये कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की भी राशि 2,167 करोड़ रुपये कम कर दी गई है। इसी तरह से कई योजनाओं की राशि घटा दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 600 करोड़ रुपये घटा दिये गये हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कम राशि का आवंटन किया गया है। सीएम ने कहा कि बिहार की सात निश्चय योजना की तरह ही इन लोगों ने सप्तऋषि योजना शुरू करने की बात की है। हमलोग बिहार में सात निश्चय योजना काफी पहले से चला रहे हैं। अब बिहार में सात निश्चय-2 चलाई जा रही है। सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग 4.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटा चाह रहे थे। उसको भी इनलोगों ने नहीं बढ़ाया है। इसे तीन प्रतिशत पर ही रहने दिया गया है। ऐसा होता तो हमलोग अपने राज्य के हित में बाहर से भी कर्ज ले सकते थे।
अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनाये केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की योजना में एक हिस्सा केंद्र सरकार का जबकि दूसरा हिस्सा राज्य सरकार का होता है। इसके कारण राज्य को अपने हित में काम करने को लेकर पैसे नहीं बचते हैं। राज्य सरकार का पैसा केंद्र सरकार की योजनाओं में खर्च हो जाता है। केंद्रीय योजनाओं में 40 प्रतिशत तक राशि राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है। केंद्र सरकार को अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनानी चाहिए। केंद्रीय योजना में नाम केंद्र का होता है जबकि पैसा राज्य सरकार का भी खर्च होता है। जब केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार अपना पैसा खर्च करती है तो राज्यों को केंद्रीय मदद मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से राज्यों को मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा केंद्रीय योजनाओं में ही खर्च हो जाता है।
इन प्रमुख योजनाओं में घटी राशि
योजना राशि घटाई
मनरेगा 13,000 करोड़
किसान सम्मान 8000 करोड़
पीएम सिंचाई योजना 2,167 करोड़
शिक्षा मिशन 600 करोड़
● बिहार की किसी मांग को नहीं माना गया
● सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं
(वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 की तुलना)
मोदी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाने पर मुझे दुख हुआ था
केंद्रीय बजट में बिहार को बहुत कुछ मिलने के भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को कहां कुछ मिला है। उनके नाम पर हमसे क्यों पूछते हैं, वो तो ऐसे ही बोलते रहेंगे। कुछ से कुछ बोलते रहना ही उनकी ड्यूटी है। जितना अनाप-शनाप बोलना हैं बोलते रहिए। पिछली बार उनको उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था तो मुझे दुख हुआ था। उनके बोलने का कोई अर्थ नहीं है।
