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Raushan Rana

संग्राम अडानी पर संसद में विपक्ष आक्रामक, रिजर्व बैंक ने ब्योरा मांगा

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया। एलआईसी और सरकारी बैंकों में आम लोगों का धन डूबने के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही ठप रही। वहीं, रिजर्व बैंक ने बैंकों से अडानी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा है।

दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी पार्टियों के सदस्य आसन के करीब आ गए और नारेबाजी करने लगे।

लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक मानिकराव टैगोर और सांसद मनीष तिवारी ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर अडानी ग्रुप से जुड़े मुद्दे के साथ चीन सीमा घटनाक्रम को लेकर चर्चा की मांग की। टैगोर ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। इसी तरह राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दिया। विपक्ष की कई दूसरी पार्टियों ने भी सदन में नोटिस देकर फौरन चर्चा की मांग की थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से अडानी समूह को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा है। बुधवार को अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को रद्द कर दिया था।

मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में जांच हो कांग्रेस

कांग्रेस ने अडानी मामले की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की है। पार्टी का कहना है कि रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। साथ ही पार्टी ने प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति का गठन करने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार ने बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया था, उसकी हवा निकल गई। यह महज सरकार और अडानी का मामला नहीं, इसमें देशवासियों के खून पसीने की कमाई जुड़ी है।

आमजन से जुड़ी योजनाओं में केंद्र ने भारी कटौती की

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मुख्यमंत्री ने कहा-केंद्रीय बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्यों की हुई उपेक्षा

पटना-सहरसा, हिटी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि केंद्रीय बजट में आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में भारी कटौती की गई है। मनरेगा और किसान सम्मान निधि योजना की राशि घटा दी गई है, यह ठीक नहीं है। केंद्र सरकार के द्वारा लोगों के हित में कोई काम नहीं हो रहा है। बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। हमलोगों की मांग को भी नहीं माना गया है। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में जो मांगें रखी थीं, उसे पूरा नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री गुरुवार को सहरसा जिले में समाधान यात्रा में विभिन्न विकास योजनाओं का जायजा लेने के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनरेगा काफी पुरानी योजना है। यह योजना विकास के लिए काफी जरूरी है। मनरेगा के लिए 2022-23 में जो 73,000 करोड़ रुपये का प्रावधान था, अब उसे घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए 2022-23 में 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जिसे घटाकर 2023-24 में 60,000 करोड़ रूपये कर दिया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की भी राशि 2,167 करोड़ रुपये कम कर दी गई है। इसी तरह से कई योजनाओं की राशि घटा दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 600 करोड़ रुपये घटा दिये गये हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कम राशि का आवंटन किया गया है। सीएम ने कहा कि बिहार की सात निश्चय योजना की तरह ही इन लोगों ने सप्तऋषि योजना शुरू करने की बात की है। हमलोग बिहार में सात निश्चय योजना काफी पहले से चला रहे हैं। अब बिहार में सात निश्चय-2 चलाई जा रही है। सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग 4.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटा चाह रहे थे। उसको भी इनलोगों ने नहीं बढ़ाया है। इसे तीन प्रतिशत पर ही रहने दिया गया है। ऐसा होता तो हमलोग अपने राज्य के हित में बाहर से भी कर्ज ले सकते थे।

अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनाये केंद्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की योजना में एक हिस्सा केंद्र सरकार का जबकि दूसरा हिस्सा राज्य सरकार का होता है। इसके कारण राज्य को अपने हित में काम करने को लेकर पैसे नहीं बचते हैं। राज्य सरकार का पैसा केंद्र सरकार की योजनाओं में खर्च हो जाता है। केंद्रीय योजनाओं में 40 प्रतिशत तक राशि राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है। केंद्र सरकार को अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनानी चाहिए। केंद्रीय योजना में नाम केंद्र का होता है जबकि पैसा राज्य सरकार का भी खर्च होता है। जब केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार अपना पैसा खर्च करती है तो राज्यों को केंद्रीय मदद मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से राज्यों को मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा केंद्रीय योजनाओं में ही खर्च हो जाता है।

इन प्रमुख योजनाओं में घटी राशि

योजना राशि घटाई

मनरेगा 13,000 करोड़

किसान सम्मान 8000 करोड़

पीएम सिंचाई योजना 2,167 करोड़

शिक्षा मिशन 600 करोड़

● बिहार की किसी मांग को नहीं माना गया

● सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं

(वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 की तुलना)

मोदी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाने पर मुझे दुख हुआ था

केंद्रीय बजट में बिहार को बहुत कुछ मिलने के भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को कहां कुछ मिला है। उनके नाम पर हमसे क्यों पूछते हैं, वो तो ऐसे ही बोलते रहेंगे। कुछ से कुछ बोलते रहना ही उनकी ड्यूटी है। जितना अनाप-शनाप बोलना हैं बोलते रहिए। पिछली बार उनको उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था तो मुझे दुख हुआ था। उनके बोलने का कोई अर्थ नहीं है।

विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव मोदी

मोटे अनाज का वर्ष मनाए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अब घर-घर में पहुंच रहा है। यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है। इसका सर्वाधिक लाभ देश के छोटे किसानों को मिलेगा। इसकी एक नई पहचान स्थापित करना जरूरी था, इसलिए अब इस सुपर-फूड को ‘श्री-अन्न’ की नई पहचान दी गई है। इसके प्रोत्साहन के लिए भी अनेक योजनाएं बनाई गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी भारत आज सड़क, रेल, मेट्रो, बंदरगाह, जलमार्ग समेत हर क्षेत्र में आधुनिक बुनियादी ढांचा चाहता है। 2014 की तुलना में अवसंरचना में निवेश पर 400 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि की गई है। बुनियादी ढांचा विकास पर पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ किया गया है, जिससे विकास को नई ऊर्जा और गति मिलेगी। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की धुरी बनाएगा। सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना तैयार की है। बजट में नए प्राथमिक सहकारिता बनाने की योजना का भी ऐलान हुआ है। इससे खेती के साथ-साथ दूध और मछली उत्पादन के क्षेत्र का विस्तार होगा और किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिलेगी।

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत काल के दौरान पेश किए गए आम बजट को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव रखेगा। इससे वंचितों को वरियता मिलेगी और किसानों व मध्यम वर्ग के सपने भी काफी हद तक साकार हो पाएंगे।

संसद के दोनों सदनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह बजट वंचितों को वरीयता देता है। यह सर्वस्पर्शी और विकसित भारत के निर्माण को गति देने वाला है। बजट में समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने बजट में पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (पीएम-विकास) का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ऐसे मेहनत और सृजन करने वालों के लिए पहली बार योजना लेकर आई है। इससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। ,

पहली बार इस वर्ग के उत्थान से जुड़ी योजनाएं बजट में शामिल की गई हैं। उनके प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी, ऋण और बाजार समर्थन के लिए तैयारियां की गई हैं। प्रधानमंत्री ने डिजिटल लेन-देन सफलता का उल्लेख करते हुए इसे कृषि क्षेत्र में दोहराए जाने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि इस बजट में डिजिटल एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक बड़ी योजना लाई गई है। व्यवसाय की सुगमता के साथ-साथ उद्योगों के लिए क्रेडिट सपोर्ट और सुधार के अभियान को भी आगे बढ़ाया गया है।

मध्यम वर्ग को बड़ी राहत

मोदी ने कहा कि समृद्ध और विकसित भारत के सपनों को पूरा करने के लिए मध्यम वर्ग एक बड़ी ताकत है। समाज के इस वर्ग को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने बीते वर्षों में कई अहम निर्णय किए हैं। इस बार भी बजट में मध्यम वर्ग को कर में बड़ी राहत दी गई है। साथ ही कर प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बनेगी सहकारिता

मोदी ने कहा कि ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए भी बजट में कई बड़े कदम उठाए गए हैं। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना शुरू की जाएगी। महिला स्वयं सहायता समूहों के सर्वांगीण विकास के लिए बजट में की गई पहल उन्हें एक नया आयाम देगी।

अमृतकाल में लंबी छलांग का संकल्प

●वित्त मंत्री ने आम बजट को सात प्राथमिकताओं में बांटकर उन्हें सप्तऋषि बताया ●कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को प्रोत्साहन के साथ बजट में हरित विकास पर जोर ●सबसे अधिक आवंटन रक्षा क्षेत्र के लिए और सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रेलवे बजट में
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लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया सीतारमण ने, यह पिछले वर्ष से 5.58 लाख करोड़ अधिक

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में वित्तीय वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश किया। इसमें अमृतकाल में लंबी छलांग के संकल्प की तस्वीर पेश की गई। चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट में भी सरकार ने लोक लुभावन ऐलान से बचते हुए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने को तरजीह दी। सरकार की कोशिश रही कि वह लोगों के हाथ में खर्च करने योग्य ज्यादा रकम दे सके। साथ ही आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए पूंजीगत खर्च बढ़ाया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में पर्यटन से जुड़ी नई योजनाएं और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित ऐलान भी किए। इससे अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलने की संभावना है। चुनावी साल में सरकार ने एक तीर से कई निशाने लगाने की कोशिश की है। बजट घोषणाओं में गरीबों, किसानों, युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, नौकरीपेशा और कारोबारियों समेत सभी वर्ग को कुछ न कुछ राहत दी गई है।

मध्यम वर्ग को बड़ी राहत बजट में मध्यम वर्ग का खास ख्याल रखा गया है। आठ वर्ष बाद आयकर दरों में बदलाव करते हुए कर छूट का दायरा बढ़ाया गया है। वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना का दायरा भी बढ़ा है। महिलाओं के लिए दो लाख रुपये की नई बचत योजना शुरू की गई है।

तकनीकी विकास पर जोर नई 5जी तकनीक में भारत अग्रणी रहे, इसके लिए बजट में मोबाइल ऐप से जुड़ी सौ प्रयोगशालाएं स्थापित करने का ऐलान किया गया है। इसका फायदा पुराने के साथ नए कारोबारियों को भी मिलेगा।

रोजगार सृजन पर खास ध्यान वैश्विक स्तर पर सृजित हो रहे रोजगार में भी भारत की पहुंच बढ़े, इसके लिए बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का दायरा और बढ़ाया गया है। इसके तहत युवाओं और कामगारों को नई पीढ़ी के कौशल से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।

10 लाख करोड़ का पूंजी निवेश बजट में कहा गया है कि पिछले नौ साल में प्रतिव्यक्ति आमदनी दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा, विकास योजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया जाएगा। अगले वित्तवर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।

केंद्र सरकार ने मित्रकाल बजट पेश किया है। इसमें नई नौकरियों के सृजन के लिए कोई योजना नहीं है। महंगाई पर काबू पाने का कोई इंतजाम नहीं है।

-राहुल गांधी, कांग्रेस नेता

अमृतकाल के पहले बजट ने विकसित भारत का संकल्प पूरा करने का आधार दिया है। बजट आकांक्षाओं से भरे समाज, किसानों, मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करेगा।

बजट में 47 लाख युवाओं को भत्ता: 7 लाख तक इनकम टैक्स फ्री;

What’s the thing you’re most scared to do? What would it take to get you to do it?

इनकम टैक्स छूट की सीमा 8 साल बाद बढ़ी:

गरीबों को एक साल और मिलेगा मुफ्त अनाज, युवाओं-रोजगार के लिए अहम ऐलान

नमस्कार,

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का 75वां बजट पेश किया। 8 साल बाद इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाई गई है। अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। वित्त मंत्री ने अपनी स्पीच में 47 लाख युवाओं को 3 साल तक भत्ता देने की बात कही। इसके लिए ‘पैन इंडिया नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम’ शुरू की जाएगी।

बजट की 5 सबसे बड़ी बातें

मिडिल क्लास के लिए: 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।

निचले तबके के लिए: गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त अनाज एक साल और मिलेगा।

युवाओं के लिए: स्टार्टअप फंड, और 3 साल तक भत्ता मिलेगा, इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स बनेंगे।

आदिवासी क्षेत्र के लिए: एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स अपॉइंट किए जाएंगे। आदिवासी गांवों के विकास के लिए 15 हजार करोड़ ।

महंगा-सस्ता: LED टीवी-मोबाइल सस्ते होंगे। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया। ये अब महंगी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में सबसे बड़ी

बात इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की रही। उन्होंने 8 साल बाद स्लैब बदला और 7 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट देने की घोषणा कर दी।

सीतारमण का ये 5वां और देश का 75वां बजट है। उन्होंने इस बार पहले की तुलना में कम समय लिया। इस बार का भाषण महज 1 घंटे 27 मिनट का था ।इस साल 9 राज्यों में और अगले साल देश का चुनाव है। इसका असर बजट भाषण में दिखा। सीतारमण ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना और युद्ध के चलते मंदी की राह पर है, तब भारत की ग्रोथ बाकी देशों के मुकाबले मजबूत है।

बजट के बाद 3 बड़े मुद्दों पर सीतारमण के बयान

महंगाई: आपने देखा कि महंगाई नीचे आई है। हमने कदम उठाए हैं। हमारा ध्यान उस पर है। गेंहू को मार्केट में रिलीज करने का फैसला लिया गया है। इससे गेहूं के दाम कम होंगे। रसोई में महंगाई कम होगी। ये एक्शन तो पहले ही हो गया है। महिलाएं परिवार का हिस्सा हैं, इनकम टैक्स में छूट का फायदा उन्हें भी होगा ।

रोजगार: 10 लाख करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट किया गया है। प्रोजेक्ट्स चल रहे है, पैसा इनके लिए दिया जा रहा है। ये प्रोजेक्ट्स बिना रोजगार के कैसे पूरे हो सकते हैं।

बजट का मकसद: बजट में महिला सशक्तिकरण, पर्यटन के लिए एक्शन प्लान, विश्वकर्मा के लिए योजनाओं और ग्रीन ग्रोथ पर फोकस है।

जानिए बजट में आपके लिए क्या-क्या ऐलान किए गए….