बिहार में महंगाई 15 राज्यों से कम, जीडीपी में भी 15% का बड़ा उछाल

बिहार का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले साल की तुलना में 15.2% बढ़ा है। वहीं, महंगाई दर में मामूली वृद्धि हुई है फिर भी यह देश के 15 राज्यों से कम है। बिहार के गांव में गुजारा करना आसान है पर शहरों में महंगाई ज्यादा है। भोजन, कपड़ा और ईंधन पर खर्च शहरी लोगों की जेब पर बोझ बढ़ा रहा है। इसका खुलासा मंगलवार को जारी देश के आर्थिक सर्वेक्षण से हुआ है। 2022-23 के इस आर्थिक सर्वेक्षण को 2021-22 वित्तीय वर्ष में देश की आर्थिक स्थिति को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है।



प्रति व्यक्ति आयः 13.5% तक बढ़ी

सालाना प्रति व्यक्ति आय 43 हजार 605 रुपये से 49 हजार 470 हो गई है। प्रति व्यक्ति आय ने 2020-21 में 1.4% गिरावट के बाद 2021-22 में 13.5% की उछाल हासिल की है। राज्य की जीडीपी वर्तमान मूल्य पर पांच लाख 33 हजार 583 करोड़ से बढ़कर छह लाख 14 हजार 431 करोड़ की हो गयी है।

बिहार में पिछले तीन महीनों में मंहगाई

दूरसंचार घनत्व:

बिहार का दूरसंचार घनत्व (टेली डेंसिटी) देश में सबसे कम है। यह केवल 55.4 फीसदी है। इसका मतलब में से केवल 554 लोग ही दूरसंचार या इंटरनेट सेवाओं का नियमित उपयोग करते हैं। इससे बड़ी आबादी ऑनलाइन सुविधाओं से वंचित है।


प्रदेश की 28.9% आबादी ही कामकाजी है। यह बिहार का लेबर फोर्स पार्टीसिपेशन रेट है। यानी प्रति एक हजार आबादी में से केवल 289 लोग ही कार्यबल का हिस्सा है कि बिहार के एक हजार हैं। बाकी या तो कम उम्र के हैं या काम करने की उम्र के बावजूद इच्छुक नहीं हैं। बड़ी आबादी को काम की तलाश में निराशा मिल रही है।


जीविका योजना देश में सबसे सफल बिहार की जीविका योजना को देश के सबसे सफल स्व सहायता समूह कार्यक्रमों में से एक बताया गया है। इसे जमीनी अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी बताया है।

सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनांस के एसोसिएट प्रोफेसर सुधांशु कहते हैं कि गांव में खाने की जरूरतों का बड़ा हिस्सा स्थानीय उत्पादों या फिर सरकारी अनाज से पूरा होता है। शहर में भोजन और पेट्रोल-डीजल पर लोगों को बड़े पैमाने पर खर्च करना नोट: आर्थिक सर्वेक्षण में महंगाई के आंकड़े मार्च 2022 तक के ही हैं। दिसंबर, 2022 की महंगाई दिसंबर, 2021 से पड़ता है।



4.91% अधिक हैं। इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से प्राप्त होने वाली महंगाई दर से लिया गया है।

गांव में कम, शहरों प्रति व्यक्ति आय 43, 605 रु. से बढ़कर 49,670 रुपये हुई में ज्यादा, इसी से दिख रही महंगाई में बढ़ोत्तरी

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